Wednesday, October 7, 2015

श्राद्ध पक्ष : क्या करें, क्या न करें...


श्राद्ध पक्ष : क्या करें, क्या न करें...

श्राद्ध पक्ष : क्या करें, क्या न करें... 

 

* श्राद्ध पक्ष में जानने योग्य आवश्यक बातें.....

सर्वसाधारण का एक प्रश्न हमेशा होता है कि श्राद्ध में दी गई अन्न सामग्री जल इत्यादि पितरों को कैसे मिलती है?
 
(1) मृत्यु के बाद जीव अपने कर्मानुसार भिन्न-भिन्न गतियों को प्राप्त होता है। कोई प्रेत, पितर, देवता, हाथी, चींटी, कुत्ता, सूअर कोई वनस्पति इत्यादि। इसका शास्त्रानुसार अपने गौत्र के सहारे संकल्प कर विश्वेदेवा के सहारे अग्नि द्वारा, जल द्वारा द्रव्य-कव्य पितरों को प्राप्त होता है। यदि देवता है तो अमृत होकर, मनुष्य हो तो अन्न द्वारा, पशु हो तो तृण द्वारा, नाग सर्प हो तो वायु रूप में श्राद्ध में उपयोग किया भोग इन उल्लिखित पदार्थों आदि के रूप में अवश्य तृप्त करते हैं। मंत्र द्वारा किया गया श्राद्ध अपने नाम-गोत्र आदि के उच्चारण से अपने स्‍थान पर पहुंच जाता है। चाहे जीव कितनी भी योनियों को पार कर चुका हो।
 
(2) श्राद्ध कैसे शुरू करें, यह दूसरा प्रश्न होता है। 
 
श्राद्ध में पंच बलि कर्म किया जाता है- (1) गौ बलि पत्ते पर, (2) श्वान बलि पत्ते पर, (3) काक बलि (कौए के लिए) पृथ्वी पर, (4) देव बलि पत्ते पर तथा (5) प‍िपलिका बलि (कीड़े-चींटी इत्यादि के लिए) पत्ते पर किया जाता है। ब्राह्मण के लिए संकल्प लेकर भोजन करवाया जाता है या आमान्न दान (दान दिए जाने योग्य) किया जाता है। 


( 3) श्राद्ध में क्या-क्या उपयोग किया जाए?

श्राद्ध पक्ष : क्या करें, क्या न करें...
 
कुश एवं काले तिल भगवान विष्णु के शरीर से उत्पन्न हुए हैं। इनका बड़ा महत्व है। पलाश तथा महुआ के पत्ते, मिट्टी के हाथ से बनाए बर्तन, रजत (चांदी) शिव के नेत्रों से बनी मानी गई है। चांदे के बर्तन आदि का दान मुख्य रूप से माना गया है। दूध, गंगाजल, मधु, वस्‍त्र, तुलसी, इत्यादि विशेष रूप से प्रयोजनीय हैं।
 
फलादि के लिए निम्न उल्लिखित प्रयोजनीय हैं। आम, बेल, अनार, बिजौरा, नींबू, पुराना आंवला, नारियल, फालसा, नारंगी, खजूर, अंगूर, परवल, बेर तथा अन्नादि के लिए जौ, धान, तिल, गेहूं, मूंग, तिन्नी का चावल, इन्द्र जौ, धान, मटर, सरसों इत्यादि विशेष प्रयोजनीय हैं। कुशासन विशेष महत्व रखता है। 
 
पात्र (बर्तन) : सोने, चांदी व तांबे के बर्तन प्रशस्त माने गए हैं। लोहे, स्टील व एल्युमीनियम के पा‍त्र निषेध हैं। इनके अभाव में दोने-पत्तल का प्रयोग कर सकते हैं। 
 
गंध : चंदन व खस प्रशस्त हैं। 
 
(4) दान क्या करें : गौ, तिल, स्वर्ण, घृत, वस्त्र, गुड़, रजत, मुद्रा व नमक दान देने योग्य हैं।
 
मसूर, उड़द, तुवर, गाजर, कद्दू, भूरा कद्दू, बैंगन, शलजम, हींग, प्याज, लहसुन, काला नमक, काला जीरा, सिंघाड़ा, जामुन, कुलथी, कैथ, महुआ, अलसी व चना- ये श्राद्ध में निषिद्ध हैं।

 

देव शासनम् Web Developer

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