वाराह दन्त
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मित्रों, वैसे तो शूकर (सुअर) जिसे वाराह भी कहते हैं, एक निंदित प्राणी है किंतु तंत्र और अध्यात्म में इसका खासा महत्व है। स्वयं भगवान विष्णु ने वाराह अवतार लेकर पृथ्वी को पाताल से निकाला था। यदि कहीं से शूकर का दांत प्राप्त हो जाए तो किसी शुभ मुहूर्त जैसे “गुरू-पुष्य” “रवि-पुष्य” होली, दीपावली, ग्रहण आदि में आप इसे सिद्ध कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। ये प्रबल वशीकरण कारक होता है। इसका ताबीज बनाकर पहनने से किसी भी प्रकार कि अभिचार कर्म का प्रभाव नहीं होता एवं सर्वत्र लाभ एवं विजय होती है।
मंत्र इस प्रकार है-
“ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं वाराह दन्ताय भैरवाय नमः”।
इस मंत्र की एक माला जाप से यह सिद्ध हो जाता है।
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