तीन प्रकार का होता है जाप
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जाप मुख्यतः तीन प्रकार का होता है।
१. वाचिक - जो जाप अत्यंत धीमे स्वर में इस प्रकार किया जाए कि दूसरा ना सुन सके उसे “वाचिक” जाप कहते हैं।
२. उपांशु- जो जाप उच्च स्वर किया याए जिससे दूसरे भी सुन सकें उसे “उपांशु” जाप कहते हैं।
३. मानसिक- जो जाप बिना जीभ और तालु के हिलाए किया जाता है उसे “मानसिक” जाप कहते हैं।
ये सभी जाप उत्तरोत्तर श्रेष्ठ होते हैं अर्थात् वाचिक जाप की अपेक्षा उपांशु जाप श्रेष्ठ है और मानसिक जाप सर्वश्रेष्ठ हैं।
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