दशमांश कुंडली पारिभाषित
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दशमांश कुंडली का विचार जातक के कैरियर के विषय में किया जाता है। जातक व्यापार में या नोकरी में सफलता मिल सकती है या किसी अन्य क्षेत्र में इसका विचार लग्न कुंडली के बाद दशमांश कुंडली से किया जाता है।
दशमांश कुंडली का लग्न, लग्नेश, दशम भाव, दशमेश और जन्मकुंडली के दशमेश की दशमांश कुंडली में शुभ और मजबूत स्थिति जातक के लिए उत्तम कैरियर देने वाली होती है। दशमांश कुंडली में सूर्य, गुरु, बुध, शनि कारक ग्रह शुभ और बली होना भी अच्छा आवश्यक है क्योंकि यह दशम भाव के कारक और जातक के कैरियर निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।दशमांश कुंडली के लग्न, लग्नेश और दशम भाव, भावेश का केंद्र त्रिकोण में बली होकर बैठना, लग्न लग्नेश, दशम भाव दशमेश पर जिस प्रकार के विषय से सम्बंधित कारक ग्रहो का शुभ प्रभाव पड़ेगा।उसी प्रकार के कारक विषयो से सम्बंधित छेत्र में जातक को कैरियर बनाने में सफलता मिलने के योग बनते है।
लग्न कुंडली के दशम भाव, दशमेश का लग्न कुंडली में बलवान होकर अच्छी स्थिति में होना, दशमांश कुंडली में भी लग्न, लग्नेश, दशम भाव, दशमेश की अच्छी स्थिति बहुत श्रेष्ठ कैरियर निर्माण जातक का कराती है।क्योंकि जब लग्न कुंडली के दशम भाव का दशमांश कुंडली पूर्ण विस्तृत भाग होता है।जब दोनों कुंडलियो में दशम भाव, दशमेश सूर्य, गुरु, बुध, शनि जैसे ग्रहो की अच्छी स्थिति से जातक रोजगार के छेत्र में भाग्यशाली होता है।अच्छे ग्रह योग होने के साथ ठीक समय पर अनुकूल और योगकारक ग्रहो की ग्रह दशा का आना अच्छे कैरियर निर्माण में ग्रह पूरी तरह से शुभ फल फलित करते है।अतः ग्रह दशाओ का अनुकूल होना जल्द सफलता देने वाला होता है।
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