कौन है वह जो 3000 वर्षों से धरती पर भटक रहा है धर्म की रक्षा हेतु धर्म युद्ध के लिए जो आज भी जीवित है
यह एक उस इन्सान के बारे में कहानी है जिसके बारे में कहा जाता है कि वो धरती पर 5000 से 6000 वर्षों तक जीवित रहेगा। कुछ लोग मानते हैं कि वह 3000 वर्षों तक धरती में अलग-अलग इन्सान के रुप लेकर यहां से वहां भटकता रहेगा। बहुत से लोगों का ऐसा भी मानना है कि यह जीवित है किसी एक बड़े धर्म युद्ध के लिए।
अलग-अलग लोगों की अलग-अलग मान्यता है। यह वह इंसान है जो महाभारत काल से जीवित है, और आज भी कई लोगों को दिखाई देते हैं। महाभारत काल से लेकर आज तक यह योद्धा धरती के अलग-अलग स्थानों पर भटक रहा है।
मगर ऐसा क्यों? क्या सच में यह एक धर्म युद्ध के लिए जीवित है? दयावान भगवान ने ऐसे योद्धा को इतना गंभीर श्राप क्यों दिया?
महाभारत युद्ध में ऐसी क्या गलती की थी इस योद्धा ने जिसका इसको इतना बड़ा मूल्य चुकाना पड़ रहा है? महाभारत युद्ध में तो बड़े-बड़े छल हुए थे, पाप हुए थे, तो किसी और को तो ऐसी सजा नहीं मिली!
अगर भगवान कृष्ण पर आपका अटूट विश्वास है और आप मानते हैं कि भगवान कृष्ण तो गलती कर नहीं सकते, तो आप भी जानते होंगे इसके पीछे भी कोई-न-कोई कारण अवश्य रहा होगा।
और अगर आप ऐसा सोच रहे हैं तो आप बिल्कुल सही है, भगवान कृष्ण ने बहुत आगे की सोच कर ही इस योद्धा को ऐसा श्राप दिया।
कौन है वह महान योद्धा जो ऐसे धरती पर यहां से वहां भटक रहा है? क्या है उसका नाम?
अर्जुन ने अपनी तलवार से अश्वत्धामा के सिर के केश काट डालें और उसके मस्तक से मनी निकाल डाली जिसके कारण वह श्रीहीन हो गया। उसके पश्चात भगवान श्री कृष्ण ने अश्वत्धामा को 6000 वर्ष तक यूंही भटकने का श्राप दिया। केश काटने के पश्चात अर्जुन ने अश्वत्धामा को अपने शिविर से बाहर निकाल दिया। जिस कारण से इस महान योद्धा का नाम महाभारत की हिंसा और अभिशाप में खों सा गया।
इसके पीछे का कारण
कहानी कुछ इस प्रकार है कि एक बार तो सब ने अश्वधामा को माफ करने को कहा किंतु भगवान श्रीकृष्ण ने उसको धरती पर भटकने का श्राप दे दिया। ऐसा क्या हुआ था की भगवान श्री कृष्ण ने उसे माफ़ ना करते हुए श्राप दे दिया?
इसका जवाब हमें भविष्य पुराण में मिलता है…
इसका जवाब हमें भविष्य पुराण में मिलता है…
सनातन धर्म की पुस्तक भविष्य पुराण में लिखा गया है कि आने वाले वक्त में सनातन धर्म पर घोर संकट आएगा। तब इंसानों की सोच बहुत गिर चुकी होगी और संसार हर तरफ से सनातन धर्म को समाप्त करने की कोशिश में लगा होगा। यह वक्त कलयुग के अंत में होगा।
ऐसा कहा जाता है की उस समय ही भगवान विष्णु का “कल्कि” अवतार आएगा और उस समय कल्कि अवतार की सेना में अश्वत्थामा भी मौजूद होंगे।
ऐसा केवल भविष्य पुराण में ही नहीं है बल्कि अलग अलग पुराणों में इसका जिक्र किया गया है जिसमें यह भी कहा गया है कि जो लोग हजारों वर्षों से जीवित है और यहां वहां भटक रहे हैं यह सब कल्कि भगवान की सेना में शामिल होकर अधर्म के विरुद्ध युद्ध लड़ेंगे।
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