Monday, September 14, 2015

कर्णपिशाचिनी साधना - प्रयोग 4




कर्णपिशाचिनी साधना - प्रयोग 4
कर्णपिशाचिनी साधना - प्रयोग 4

कर्णपिशाचिनी साधना के दौरान की गई मामूली त्रुटि भी दिमाग पर नकारात्मक असर डाल सक‍ती है।

यह प्रयोग किसी सिद्ध पुरुष अथवा गुरु के मार्गदर्शन में ही संपन्न किया जाए। प्रयोग 4 पूरी तरह से प्रयोग 3 की तरह है। लेकिन इस प्रयोग में मंत्र नया सिद्ध किया जाता है।

- मंत्र- 'ओम् ह्रीं सनामशक्ति भगवति कर्णपिशाचिनी चंडरूपिणि वद वद स्वाहा।'


प्रयोग में काले ग्वारपाठे को अभिमंत्रित कर उसका हाथ-पैरों में लेप कर नीचे दिए गए मंत्र का 21 दिनों तक जप करें। यह मंत्र प्रतिदिन पाँच हजार बार किया जाता है। 21 दिनों में मंत्र सिद्ध होता है और साधक को कान में सभी अपेक्षित बातें स्पष्ट सुनाई देती है।

- इस मंत्र ओम् प्रतिदिन 5 हजार जब करना अनिवार्य है।

- 21 दिनों में मंत्र सिद्ध हो जाता है।

- कान में सारी बातें स्पष्‍ट सुनने के लिए सभी‍ सावधानियाँ ध्यान में रखना आवश्यक है।

पाठकों की सुविधा के लिए तीसरे प्रयोग की विधि पुन: प्रस्तुत है:

प्रयोग-3
इस प्रयोग में काले ग्वारपाठे को अभिमंत्रित कर उसका हाथ-पैरों में लेप कर नीचे दिए गए मंत्र का 21 दिनों तक जप करें। यह मंत्र प्रतिदिन पाँच हजार बार किया जाता है। 21 दिनों में मंत्र सिद्ध हो जाता है और साधक को कान में सभी अपेक्षित बातें स्पष्ट सुनाई देने लग जाती हैं।

नोट : कृपया कर्णपिशाचिनी साधना -1 व 2 भी अवश्य देखें।

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