जब हो शुक्र पर चन्द्र की दृष्टि
जब हो शुक्र पर चन्द्र की दृष्टि
सदैव प्रसन्न रहने वाला, हँसमुख, हरहाल में खुश रहने वाले व्यक्तियों की जन्म पत्रिका में शुक्र पर
चन्द्र की दृष्टि होने से ऐसी स्थिति बनती है। यदि कोई कन्या का जन्म वृषभ
लग्न में हुआ है तो उसका स्वामी शुक्र लग्नेश होगा। ऐसे जातक सुन्दर तो
होते ही हैं और चन्द्र जो कि तृतीय भाव का स्वमी होकर लग्न को देखता हो तो
वह जातक मधुर आवाज का धनी होने के साथ सदैव मुस्कराता हुआ सा प्रतीत होगा।
मेष
लग्न में शुक्र सप्तमेश होने के साथ-साथ द्वितीय भाव का भी स्वामी होगा व
चन्द्र चतुर्थ भाव का स्वामी होगा। शुक्र चन्द्र साथ हो तो ऐसा जातक
सुन्दर होने के साथ विपरीत लिंगियों में प्रसिद्ध होता है। उस जातक को
पारिवारिक सुख उत्तम मिलता है व वाहनादि सुख भी पाता है। मिथुन लग्न में
शुक्र पंचम भाव के साथ-साथ द्वादशेश होगा व चन्द्र वाणी भाव द्वितीय का
स्वमी होगा इन दोनों की युति पंचम भाव में हो तो ऐसा जातक मनोरंजन प्रेमी,
मनोविनोदी स्वभाव का भी होगा।
कर्क
लग्न में शुक्र एकादशेश व सुखेश चतुर्थ भाव का स्वमी होगा व चन्द्र लग्नेश
होगा। इनकी युति सुख चतुर्थ भाव में हो तो ऐसा जतक हास्य कवि, कलाकार व
जनता के बीच प्रसिद्ध होगा व उसको सभी सुख मिलेंगे। सिंह लग्न में तृतीय व
दशमेश होगा व चन्द्र द्वादशेश होगा। इनकी युति दशम भाव में हो तो सौन्दर्य
प्रसाधनों के व्यापार से कला के क्षेत्र से लाभ पाने वाला होता है।
कन्या
लग्न मे शुक्र द्वितीय व भाग्य का स्वामी होगा व चन्द्र एकादशेश आय भाव का
स्वामी होगा। इनकी युति एकादश भाव में हो या द्वितीय भाव में हो तो वह
जातक अपनी वाणी के द्वारा प्रसिद्ध होता है, सफल गायक भी हो सकता है। तुला लग्न हो
तो शुक्र लग्न के साथ साथ अष्टम भाव का भी स्वामी होगा व चन्द्र दशम भाव
का स्वामी होगा। इनकी युति लग्न में हो तो ऐसा जातक सुन्दर होने के साथ-साथ
प्रसन्नचित्त क लोकप्रिय भी होगा।
वृश्चिक
लग्न में शुक्र द्वादशेश व सप्तमेश होगा व चन्द्र नवम भाव का स्वामी होगा।
इनकी युति द्वादश भाव में हो तो ऐसा जातक भोगी होगा व उसे हर प्रकार के
सुख मिलेंगे। मकर लग्न में शुक्र पंचम व दशम भाव का स्वामी होगा व चन्द्र
सप्तम भाव का इनकी युति पंचम भाव में हो तो वह कलाकार, मनोविनोदी स्वभाव का
होगा। प्रेम विवाह भी संभव है।
कुंभ
लग्न में शुक्र चतुर्थ व भग्य नवम भाव का स्वामी होगा व चन्द्र षष्ट भाव
का स्वामी होगा। इनकी युति चतुर्थ भाव में हो या नवम भाव में हो तो सभी सुख
मिलते हैं। मीन लग्न में शुक्र तृतीय व अष्टम भाव का स्वामी होगा चन्द्र
पंचम भाव का इनकी युति पंचम भाव या लग्न में उत्तम होगी। ऐसी स्थिति हो तो
वह सदैव प्रसन्न रहने वाला होता है।
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