दोस्तो
आपकी कुंडली मे अनेको योग जन्म समय से होते है जो आपका जीवन चक्र निर्धारित करते है। इन योगो मे समय समय पर गोचर से बदलाव होता रहता है। जिससे अच्छे बुरे परिणाम की मात्रा कम या जयादा हो जाती है। ओर कुछ अस्थाई या तात्कालिक योग बनते है जो योग बनने के समय परनाम देते है शुभ या अशुभ।
अशुभता को कम करने के लिय उपाय किये जाते है।
अत मे याह कुछ योग दे रहा हू।
अगर ये योग स्थाई है तो उपाय भी जीवन मे कई बार भी करना पड़ सकता है। अगर अस्थाई है तो उसी समय।
Saturn –Sun- Moon Shree Chandra Keshri Japa Hpme
Saturn –Sun- Mars Meenakhi, Muneswar Swami, Subhramaniswar, NAVGRAH HOMA
Saturn –Sun- Jupiter Shree Brunneswari, Rameshwaram. Kanyakumari, Vinayak, Navgrah
Saturn –Sun- Venus Mahabaleswar,Ganga Home, Shive Temple
Saturn –Sun- Dh Shiva Kashi & Shiva Abhishekha
Saturn –Sun- Dt Satnarayan Pooja, Ganesh pooja.
ये योग अगर सभी ग्रह एक राशि मे हो या एक दूसरे से त्रिकोण मे हो। या एक एक राशि मे दूसरा उससे दूसरे भाव मे ओर तीसरा उससे तीसरे भाव मे हो। तो बनेगे। योग की ताकत ग्रह के बैठने ,राशी, भाव,भावेश दृस्टि आदि आदि के अनुसार होगी।
अस्थाई योग अगर गोचर ओर native ग्रह के आपसी संबंध से बनेगा।अर्थात तात्कालिक ओर native ग्रह मे कोई 3 ग्रह इस प्रकार स्थित होंगे तो योग बन जायेगा।
कोई शक हो तो पूछ ले।
नोट - अगर उपरोक्त ग्रह लिखे हुए हिसाब से डिग्री वाइज भी इसी प्रकार हो तो योग बहुत स्ट्रोंग होगा। जेसे
पहले योग मे
शनि सूर्य चन्द्र है।
अगर शनि कम डिग्री का सूर्य उससे जयदा ओर चन्द्र सबसे ज्यादा हो
तो पूर्ण एवम् ताकत वर योग होगा
टिप no 5
सूर्य शेर बुध विष्णु राहु मुह अत शेर मुखी विष्णु। अत नरसिघ भगवान । अत शेर के तरह एक्टिव एवम् दहाड़ने वाला
शेर बोलता नही बोलने मे परेसानी आदि आदि इसी तरह राशि दृष्टि आदि आदि देख कर निकालो जवाब देंना। इसमे नरसिघ पूजा पाठ या पुराण पाठ या पठन उपाय है।
ऊपर के उपाय इसी आधार पर है। ओर ancient बुक्स से है।
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