Tuesday, August 25, 2015

बारह तरह के कालसर्प योग


 बारह तरह के कालसर्प योग

kalsarpa-yoga-vidhi- बारह तरह के कालसर्प योग

कुंडली में मुख्य रूप से बारह तरह के कालसर्प योग बताए गए हैं।
काल सर्प दोष शांति के लिए अनेक तरह के उपाय हैं,
लेकिन अगर आप कुंडली में बनने वाले कालसर्प दोष को जान कर उसके अनुसार रूद्राक्ष धारण करें तो
आप पर इस बुरे योग का प्रभाव कम हो जाएगा और कुछ हद तक आपको सफलता भी मिलने लगेगी।
- कुंडली के पहले भाव में बनने वाले कालसर्प योग के लिए एकमुखी, आठमुखी और नौ मुखी रुद्राक्ष काले धागे में डालकर गले में पहनें।

- दूसरे भाव में बनने वाले कालसर्प योग के लिए पांचमुखी, आठमुखी और नौमुखी रुद्राक्ष गुरुवार को काले धागे में डालकर गले में पहनें।

- यदि कालसर्प योग तीसरे भाव में बन रहा हो तो तीनमुखी, आठमुखी और नौ मुखी रुद्राक्ष लाल धागे में मंगलवार को धारण करना चाहिए।

- अगर कुंडनी के चोथे  घर में कालसर्प योग हो तो दोमुखी, आठमुखी, नौमुखी रुद्राक्ष सफेद धागे में डालकर सोमवार को रात के समय धारण करें।

- पांचवे भाव में बनने वाला कालसर्प योग हो तो पांचमुखी, आठमुखी, नौमुखी रुद्राक्ष पीले धागे में गुरुवार को पहनें।

- कुंडली के छटे भाव के कालसर्प योग के लिए मंगलवार को तीनमुखी आठमुखी और नौमुखी रुद्राक्ष एक लाल धागे में पहनना चाहिए।

- अगर आपकी कुंडली के सातवें भाव में कालसर्प योग बन रहा हो तो छहमुखी, आठमुखी और नौमुखी रुद्राक्ष एक चमकीले या सफेद धागे में रात के समय पहनना चाहिए।

- आठवें भाव में कालसर्प योग बन रहा हो तो नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।

- नवें भाव में कालसर्प योग हो तो गुरुवार को दोपहर में पीले धागे में पांचमुखी आठमुखी और नौमुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए।

- कुंडली के दसवें घर में कालसर्प योग हो तो बुधवार को समय चारमुखी, आठमुखी और नौमुखी रुद्राक्ष हरे रंग के धागे में डालकर धारण करें।

- कुंडली के ग्यारहवें घर में यदि कालसर्प योग हो तो एक पीले धागे में दशमुखी, तीनमुखी, चारमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

- यदि जन्म कुंडली के बारहवें भाव में कालसर्प योग हो तो शनिवार को शाम को सातमुखी, आठमुखी, और नौमुखी रुद्राक्ष काले धागे में डालकर गले में धारण करें।
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