Friday, July 31, 2015

कुंडली देखकर जानें आप पर क्या प्रभाव डाल रही है चंद्रमा की ऊर्जा


कुंडली देखकर जानें आप पर क्या प्रभाव डाल रही है चंद्रमा की ऊर्जा


 चंद्रमा की ऊर्जा का प्रभाव आपके जीवन पर कैसे पड़ेगा, यह जानने से पहले यह पता करना जरूरी है कि आपका चंद्रमा मजबूत है या कमजोर? यह पता करने के लिये आपको किसी ज्योतिष के पास जाने की जरूरत नहीं। आप स्वंय जान सकते हैं। निम्न बातों को ध्यान से पढ़ने के बाद आप अपनी कुंडली को देखें, आपको स्वंय पता चल जायेगा कि आपकी लाइफ पर चंद्रमा सकारात्मक प्रभाव डाल रहा है या नकारात्मक।
Moon-कुंडली देखकर जानें आप पर क्या प्रभाव डाल रही है चंद्रमा की ऊर्जा

 जन्म की तारीख से

जन्म की तारीख से यदि आपका जन्म कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तथा चतुर्दशी को हुआ है तो आपका चन्द्र वृद्धा अवस्था में है और अमावस्या को जन्म होने पर मृत अवस्था में रहेगा। शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को जन्म होने से चंद्रमा बाल अवस्था में होता है। यानि आपका चंद्रमा कमजोर है और इसके नकारात्मक प्रभाव आपके जवीन पर पड़ते हैं। शुक्लपक्ष की एकादशी से कृष्णपक्ष की पंचमी तक चंद्रमा पूर्ण बली होता है। यानि इस दौरान पैदा होने वाले लोगों का चंद्रमा मजबूत होता है। अगर आपका जन्म कृष्णपक्ष की षष्ठी से कृष्णपक्ष की द्वदशी के बीच हुआ है तो आपका चंद्रमा मध्यम होगा। यानि न ज्यादा कमजोर न ज्यादा बलवान। 

कुंडली में हैं ऐसे योग, तो कमजोर है चंद्रमा  

Moon in Kundli-कुंडली में हैं ऐसे योग, तो कमजोर है चंद्रमा

कुंडली में हैं ऐसे योग, तो कमजोर है चंद्रमा Moon in Kundli यदि आपकी जन्म कुण्डली में चंद्रमा 2, 4, 5, 8, 9 एंव 12 वें भाव में है तो इसका मतलब चंद्रमा कमजोर है। और ये अशुभ फल का अनुभव कराता है। यदि चंद्रमा कृतिका, उत्तराफाल्गुनी, अश्लेषा, ज्येष्ठा, उत्तराअषाढ़ तथा रेवती नक्षत्र में है तो अशुभ फल देगा। यदि चंद्रमा के साथ बैठा राहु ग्रहण योग बना रहा है तो भी चंद्रमा अशुभ फल ही देगा। चंद्रमा शुभ व पापी दोनों होता है।

 कुंडली में हैं ऐसे योग, तो बलवान है चंद्रमा

Moon in Kndli- कुंडली में हैं ऐसे योग, तो बलवान है चंद्रमा

 

 कुंडली में हैं ऐसे योग, तो बलवान है चंद्रमा Moon in Kndli यदि आपकी कुंडली में चंद्रमा 1, 3, 6, 7, 10 एंव 11 वें भाव में है तो इसका मतलब चंद्रमा बलवान है। उसकी सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव आपके जीवन पर पड़ रहा है। इसकी स्वराशि कर्क है। यह वृष राशि में उच्च का होता है एंव वृश्चिक राशि में होने पर नीच का हो जाता है। अगर शुभ भावों में बैठा है तो जवन में कई सारे शुभ फल देता है।
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